मंगलवार, सितंबर 25, 2012

हक मांगना भी रोना है


आंख के आंसू
दिखते तो हैं
होता कहां है
विश्वास मगर उनका !

दिल के आंसू

दिखते नहीं

इस लिए
कोई कितना ही रोए
होता नहीं विश्वास !
*
कुछ लोग
रो कर कहते हैं
कुछ
कह कर रोते हैं
हम
सब कुछ
खुली आंख देख
मौन रह कर
दिल से रोते हैं !
*
आज कल
हक मांगना भी
रोना है
इस लिए
आजकल नत्थू
रोता हुआ दिखता है !

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