मंगलवार, सितंबर 25, 2012

चिंतन और चिंताएं


चिन्ताएं अपनी-अपनी
उन पर
अपना-अपना चिंतन
किसी की चिंताओं में
बढ़ती चर्बी
घटता वज़न
चेहरे की झुर्रियां

फैलते मुहांसे
झड़ते बाल
बदलती स्किन
हेयर स्टाइल
आईब्रो शेप
टोटल लुक है ।

किसी को चिंताओं में

बैंक बैलेंस
शेयर का उतार-चढ़ाव
कार का मॉडल
नई पीढ़ी का बाइक
नया बंगला
घर में पड़ी नगदी
बिगड़ती औलाद है ।

कुछ की चिंताओं में है

हसीन चेहरा
उलझी-सुलझी लट
गाल गुलाबी
नयन शराबी
चाल मस्तानी
पायल की झंकार
पहला-पहला प्यार !

इन चिंताओं में

दुबले पड़ते लोग
लिख -लिख कविताएं
अपनी चिंताएं
संवार रहे हैं !

अपना नत्थू

रोटी की चिंता में
जागता है दिन भर
रोटी की चिंता में ही
सोता है रात भर
सपनों में भी
सेकता है रोटियां
जब खूट जाती हैं
सपनों में रोटियां
उचक कर
जाग जाता है
काम की तलाश में
भाग जाता है ।

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