मंगलवार, सितंबर 25, 2012

बहुत छोटी है दुनिया


बहुत छोटी है
यह दुनिया
आंख खोलता हूं
तो दिखती है
बन्द करता हूं तो
हो जाती है ओझल !


साफ है
बड़ी नहीं है
मेरी आंखों से
यह दुनिया
तभी तो
समा जाती है
मेरी आंखों में !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें