रविवार, अक्तूबर 21, 2012

= सुनहरी यादें =

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हमारी याद
आती है उनको
बताती है हमें
याद उनकी
जो जाती नहीं !


कुछ यादों का
याद आना भी
बहुत जरूरी है
वरना चली जाती हैं
बहुत कुछ
अपने भीतर समेट कर
यादें सुनहरी
जैसे कि मुझे याद है
हम दोनों मुस्कुराए थे
एक दूसरे से छुप कर
जब कि दोनों का पता था
हम मुस्कुराए हैं
फिर भी
बने रहे अनजान !

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