शुक्रवार, मार्च 29, 2013

हम फिर पानी हो गए

हम 
पानी की तरह 
बहते रहे 
तुम 
पत्थर की तरह 
लुढ़कते रहे
हम 
नदी की तरह
सिकुड़ते रहे
तुम
आकार पाते रहे
तुम्हें
मंदिरों में मिली जगह
हमें
बादल ले गए
तुम
देव हो कर भी
नहीं बरसे
हम
बरस कर
फिर पानी हो गए !

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